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Sunday, 4 September 2011



भारी उहापोह के उपरान्त स्थिति सपष्ट,  18 सितम्बर
को ही होंगे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के चुनाव
सहजधारियों के मताधिकार सम्बन्धी अधिसूचना को लेकर बनी थी संशय की स्थिति
गत दिनों केंद्र सरकार द्वारा उच्च न्यालय के समक्ष सहजधारियों के मताधिकार पर रोक सम्बन्धी अधिसूचना को वापिस लिए जाने की जानकारी उजागर होने के उपरान्त गहमागहमी तीव्र हो गयी...किन्तु घटनाक्रम में नाटकीय परिवर्तन के बाद गुरुद्वारा प्रबंधन का निर्वाचन नियत तिथि को होना सुनिश्चित हो गया है....हालांकि तब तक कमान से निकले तीर की तरह पक्ष - विपक्ष की प्रतिक्रिया व्यक्त हो गयी .....

अकाली नेता संत सिंह कंधारी के अनुसार सरकार का यह कृत्य सिक्ख समुदाय के आन्तरिक प्रसंग में हस्तक्षेप है .... सदा से कांग्रेस की प्रवृत्ति सिक्ख समुदाय के आन्तरिक प्रसंग में हस्तक्षेप करने की रही अहि जो असहनीय है .....

वहीँ गुरु नानक मिशन इंटरनैशनल के प्रमुख करनैल सिंह गरीब का कहना है कि सहजधारियों कि मताधिकार देना स्वागतयोग्य कदम है....उन्होंने चुनाव में जातीय - प्रत्याशा प्रणाली पर भी आपत्ति जताई.... वहीँ आनंद कारज अधिनियम पर केंद्र सरकार के दृष्टिकोण से असहमति भी जताई....                                                                
- प्रमोद कुमार   

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