- कविवर पण्डित श्री हरी किशोर मिश्र के काव्य-कोष से .....
अरे यही वह अम्बाला है....
जिसको हरियाणा ने अपने नक़्शे में ढाला है ....
ढेर किताबों में पढ़ते थे ....
ढेर किताबों में पढ़ते थे ....
ढेर कहानियाँ सुना करते थे....
मिग-मिराज से अक्षादित यहाँ के नभ -तल...
अरे यही वह अम्बाला है....
सैकड़ों वर्षों के इतिहास को समेटे यह नगर स्वधीनता संग्राम से लेकर हर सामाजिक- रचनात्मक आन्दोलन का अग्रदूत रहा है....नगर के विषय में अधिक कहना सूरज को दीपक दिखने के समान है ....अतः संक्षेप में यही कहूँगा हिंदी -संस्कृत प्रचार अभियान को समर्पित अम्बाला समाचार नगरवासियों की अपेक्षा पर खरा उतरने का प्रयास करेगा ....हमारे अभियान की सफलता आधार आपका अपेक्षित सहयोग ही है....आपके के सहयोग की अपेक्षा में....
तरुण झा सम्पादक
मिग-मिराज से अक्षादित यहाँ के नभ -तल...
अरे यही वह अम्बाला है....
सैकड़ों वर्षों के इतिहास को समेटे यह नगर स्वधीनता संग्राम से लेकर हर सामाजिक- रचनात्मक आन्दोलन का अग्रदूत रहा है....नगर के विषय में अधिक कहना सूरज को दीपक दिखने के समान है ....अतः संक्षेप में यही कहूँगा हिंदी -संस्कृत प्रचार अभियान को समर्पित अम्बाला समाचार नगरवासियों की अपेक्षा पर खरा उतरने का प्रयास करेगा ....हमारे अभियान की सफलता आधार आपका अपेक्षित सहयोग ही है....आपके के सहयोग की अपेक्षा में....
तरुण झा सम्पादक
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