मंथन
पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि
Ø ग्रामीण विकास की सम्पूर्ण राशि सीधे पंचायतो के खाते में
Ø 10 लाख तक के विकास कार्यो की प्रशासनिक स्वीकृति पंचायत स्तर पर
Ø जिला ग्रामीण विकास अभिकरण का अध्यक्ष उपायुक्त के बनिस्बत जिला परिषद अध्यक्ष
Ø पंचायत 10 लाख रुपये तक लागत के कार्य करवाने हेतु स्वतंत्र
Ø सरपंचों को दस्ती राशि 10 हज़ार से बढ़ाकर 25 हज़ार रूपये
राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि -
पद पूर्व में सम्प्रति |
जिलापरिषद उपाध्यक्ष 4500 6000 अध्यक्ष 6000 7500 |
पंचायत समिति के अध्यक्ष 4500 6000 |
पंचयत समिति के उपाध्यक्ष 1500 2500 |
जिला परिषद सदस्य 2000 2500 |
पंचायत समिति सदस्य 1000 1250 |
सरपंच 1500 2000 |
पंच 400 600 |
पंचायती
गत दिनों हुड्डा सरकार के द्वारा पंचायतों की अनुदान राशि बढ़ाये जाने को जहाँ पक्ष ऐतिहासिक बता रहा है वहीँ विपक्ष इसे भ्रष्टाचार का साधन मान रहा है....
इस सन्दर्भ में युवा कांग्रेस नेता अजय सैनी का कहना है कि हुड्डा सरकार के इस कृत्य से राजीव गाँधी के पंचायती राज को सशक्त बनाने का स्वप्न पूरा होगा....साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति और त्वरित होगी......हुड्डा सरकार सदा से ही जन-हितैषी रही है....
किन्तु मुख्य विपक्षी दल इन्डियन नैशनल लोकदल के नेता हरपाल सिंह कम्बोज के अनुसार हुड्डा सरकार ने यह पग अपने लोगों को लाभ पहुचने के लिए उठाया है....इससे पंचायतें भ्रष्टाचार की गंगोत्री बन जायेंगी....हुड्डा सरकार इस राशि से जो विकास होने के दावे कर रही है वह भी मात्र छलावा है....यह राशि ग्रामीण विकास की सृष्टि से ऊंट के मुंह में जीरा भर है...
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