1996 से स्थगित छात्र संघ निर्वाचन को पुनः बहाल किया जाना चाहिए....चूंकि यह निर्वाचन न केवल छात्रों की वाणी को सशक्तता प्रदान करते हैं अपितु जड़ों पर पकड़ रखने वाले भावी राजनेताओं व सामाजिक आवश्यकताओं को अभिव्यक्त करने में सक्षम नेताओं को भी एक उपयुक्त मंच उपलब्ध करवाते हैं....गत कुछ वर्षों में देखने में विभिन्न महाविद्यालयों में अवैध शुल्क-संग्रहण के कई प्रकरण चर्चा में आ चुके हैं...प्रत्यक्ष रूप से ऐसे प्रकरण छात्रों को अभिव्यक्ति हेतु उपयुक्त मंच उपलब्ध न होने के चलते ही घटित होते हैं....वर्तमान में हमारे राष्ट्र में युवाओं की व्यापक संख्या है ...ऐसे भी छात्र संघ के रूप में उन्हें मंच उपलब्ध न करवाना उनके अधिकार हनन जैसा ही होगा...छात्र संघ निर्वाचन युवाओं का अधिकार भी है व प्रबल मांग भी...अतः सरकार को अविलम्ब इसकी प्रक्रिया पुनः प्रारंभ करनी चाहिए.....विकास शर्मा
जिला समन्वयक
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्
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