हिंदी-संस्कृत प्रचार अभियान को समर्पित ......

Saturday, 26 May 2012

शुभकामना सन्देश

प्रिय श्याम सुन्दर झा जी ,
               यह जानकर अपार हर्ष हुआ कि आपके संपादकत्व में अम्बाला समाचार का प्रकाशन प्रारंभ हुआ है...मेरा दृढ विश्वास है कि यह पत्र न केवल पत्रकारिता के उच्च मानदंडों को नए आयाम देगा बल्कि नैतिक मूल्यों के पतन के इस दौर में समाज को भी दिशा देने में सक्षम सिद्ध होगा....हिंदी भाषा को पुनर्प्रतिष्ठित करने के मूल उदेश्य में यह शत-प्रतिशत सफल हो ,इन्हीं शुभकामनाओं के साथ .....
फकीर चंद अग्रवाल
भूतपूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष ,हरियाणा 
एवं पूर्व विधायक, अम्बाला शहर....

2014 के लिए कितनी तैयार भाजपा

कांग्रेस का जनाधार जिस  तेजी से खिसक रहा है ...विकल्प के तौर पर भाजपा उभारना स्वाभाविक है...लेकिन लाख  टके का सवाल यह है कि क्या भाजपा 2014 के चुनावों में सशक्त, सक्षम विकल्प दे पाएगी?...क्या भाजपा स्थाई सरकार देने की स्थिति में होगी?... दरअसल मुद्दा यही है , जिन समस्याओं से कांग्रेस जूझ रही है, भाजपा की तस्वीर उससे अलग नहीं है...अगर कांग्रेस के पास 10, जनपथ से संकेत पाकर चलने वाले मनमोहन सिंह हैं तो नितिन गडकरी भी भाजपा की कमान वाया नागपुर संघ मुख्यालय से संभाला रहे हैं...न तो स्वतंत्र फैसले लेने की किसी सर्वमान्य क्षमता का परिचय उन्होंने दिया है न उनके लिए फैसलों से पार्टी की नैय्या डूबने का सिलसिला थमा है...झारखण्ड के राज्यसभा चुनाव इसकी तस्दीक करते हैं...फिर संघ और भजपा के बीच गाहे-बगाहे टकराव भी दिखने लगा है....पार्टी की जड़ों में भी कांग्रेस की तरह अंतर्कलह और गुटबाजी का दीमक लगा हुआ है...राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के बीच धीमे - धीमे सही और क्षेत्रीय क्षत्रपों में तेज़ी से महत्वाकांक्षा की चिंगारी भड़क रही है ...जो समय -  समय पर बागी तेवरों की शक्ल में सामने आते रहते हैं....अगर पार्टी इन समस्यों से समय रहते पीछा न छुड़ा सकी तो मुमकिन है आम चुनावों में पार्टी चूक जाए....

अंतर्व्यूह

बुलंद व्यक्तित्व , सरल स्वभाव यही खूबी है युवा इनेलो के जिलाध्यक्ष संदीप राणा की , जिन्होंने अम्बाला समाचार के प्रबंध सम्पादक तरनजीत सासन से अपनी राजनीतिक पारी पर चर्चा की...प्रस्तुत हैं बातचीत के कुछ अंश...
संदीप जी, राजनीति से आपका जुड़ाव कैसे हुआ ?
जी , समाज को नेतृत्व देने की लालसा मुझमें बचपन से थी जो पहली बार सन १९९६ में सार्वजानिक हुई जब मैंने डीएवी कालेज में इंटर में क्लास रिप्रेजेंटेटिव का चुनाव लड़ा और प्रचंड समर्थन हासिल किया...उसके बाद मेरी राजनीतिक पारी में नित नया स्कोर जुड़ता चला गया....फिर मैं अगले ही साल सर्वसम्मति से अनौपचारिक रूप से डीएवी कालेज छात्र संघ का अध्यक्ष बना....इसी सिलिसले में २००० में मुझे इनेलो युवा मोर्चा का जिला उपाध्यक्ष बनाया गया....इस बीच मैं चौधरी ओमप्रकाश चौटाला जी का विश्वास पात्र बन गया...जिसके फलस्वरूप मुझे युवा इनेलो के प्रदेश संयुक्त सचिव का पदभार सौंपा गया...जिसके बाद मैं प्रदेश कार्यकारिणी में महासचिव रहा व अब युवा इनेलो का जिलाध्यक्ष हूँ...
मौजूदा हालात में आप अपने संगठन की स्थानीय राजनीति में क्या भूमिका देखते हैं?
देखिये , इस समय देश-प्रदेश व स्थानीय स्तर पर उपयुक्त युवा नेतृत्व का अभाव है...समाज को इस समय राहुल गाँधी जैसे अखबारी नेताओं के बजाय भाई अजय चौटाला और भाई अभय चौटाला जैसे जमीनी ,आम लोगों से कन्धा मिलकर राजनीति करने वाले लोगों की जरूरत है....युवा इनलो को खड़ा करने का मूल लक्ष्य स्थानीय स्तर पर ऐसे ही युवा नेतृत्व को देना है,,,,मैं यहाँ नाम नहीं लेना चाहूँगा पर अम्बाला में अब तक  सबसे युवा उम्मीदवार को विधानसभा में मौका देने का कीर्तिमान इनेलो के ही नाम है....
माना जाये आगामी विधानसभा चुनाव में इनेलो किसी युवा को टिकट थमा सकती है, संभवतः आपको ?
(हँसते हुए) जहाँ तक प्रश्न किसी युवा को अवसर देने का है तो क्यों नहीं ? हमारी पार्टी हर उपयुक्त दावेदार को जाँच परख कर टिकट देती है .यदि कोई युवा स्वयं को योग्य उम्मीदवार साबित कर सकता है तो उसे टिकट मिल सकती है...मेरी दावेदारी पर मैं साफ़ कर देना चाहूँगा कि हमारी पार्टी में निजी महत्वाकांक्षाओं को महत्व देने की परंपरा नहीं है....हम पार्टी व समाज की सेवा को अपना परम लक्ष्य मानते हैं...पार्टी को जहाँ ,जिस मोर्चे पर हमारी जरूरत होगी हम अपनी सेवाएं देंगे ,किसी राजनीतिक पद को लेकर न मेरी दावेदारी कभी रही , न है , न होगी.....
देखने में आ रहा है कि आप सदस्यता को लेकर बड़ा आक्रामक अभियान चला रहे हैं...
(मजाकिया लहजे में) सुनने में आ रहा है हमारे सदस्यता अभियान की सफलता को लेकर हमारे विरोधी सकते हैं...उनका दिन अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से यह जाने -परखने में ही चला जाता है कि वे उनकी पार्टी में बने हुए हैं या नहीं..... लोगों का विश्वास ताऊ देवी लाल व चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के कुशल नेतृत्व व भाई अजय -अभय चौटाला के युवा नेतृत्व में है ,यही कारण है कि हमें न तो विरोधी दलों की तरह समाचार की सुर्खियाँ बनने का स्वांग रचना पड़ा न ही कोई हवाई रणनीति बनानी पड़ी ...पार्टी की ठोस नीतियों के चलते आम लोग और युवा हमारी ओर खींचे चले आ रहे हैं....
युवाओं को आपका सन्देश?
एक ऐसी सरकार जिसके रहते में युवाओं का कोई भविष्य न हो ,बेरोजगारी उनकी नियति बन गयी हो उसके ताबूत में हर युवा आखिरी कील ठोंकेने की कोशिश में जुट जाए और इनेलो का हरा भरा राज लाने में अपना गिलहरी योगदान दे ,यही अपील करना चाहूंगा....अम्बाला समाचार  इनेलो की तरह युवाओं व हरवर्ग की पहली पसंद बन जाए यही कामना करता हूँ...
 

संप्रग सरकार :कुँए से खाई की ओर

अतिथि –संपादक
डॉ. राजपालराजनीतिक विश्लेषक

संप्रग सरकार :कुँए से खाई की ओर
गुजरे तीन साल में  सरकार सामना कई चुनौतियों  से हुआ , चुनौतियों के लिहाज़ से अगले दो साल भी सरकार के लिए बेहद मुश्किल भरे ही रहने के आसार हैं ......सरकार राजनीतिक - आर्थिक मोर्चों पर तो बुरी तरह से विफल रही ही है ... रणनीतिक - कूटनीतिक विफलता ने उसकी साख पर सवाल खड़ा कर दिया है....रणनीतिक विफलता ही है कि आम आदमी कमरतोड़ महंगाई झेल रहा है , ऐसे माहौल में दैनिक खर्चे के लिए छब्बीस रुपये काफी होने की रिपोर्ट जारी कर देती है ...कूटनीतिक विफलता तो ऐसी की सदन में बहुमत होने के बावजूद लोकपाल के मुद्दे पर लाये तमाम संशोधन एक के बाद एक धराशायी हो गए तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर तो सरकार को रोल बैक ही करना पड़ा... आतंकवाद निरोधी केंद्र के गठन में केंद्र की अपरिपक्वता ने आतंकवाद के खिलाफ लडाई को और कमज़ोर कर दिया....और तो और इस सरकार के कार्यकाल में अक्षम रणनीति का परिणाम रहा कि दुनिया की सबसे अनुशासित संस्था मानी जाने वाली भारतीय सेना भी विवादों में रही....न तो सरकार तेल के दामों में कमी ला पाई उल्टे डी-कंट्रोल करने की दिशा में सक्रिय दिखाई दे रही है....किसानों की आत्महत्या रोकने में नाकाम रही है ...वही डी ए पी खाद, अन्न भण्डारण जैसे मामलों में सरकार ढीली ही रही है...शिक्षा का अधिकार लागू करना तो सरकार की गले की फांस ही साबित हो रहा है.......इरान से तेल आयत नीति में भी सरकार के फैसले अमेरिकी इच्छा की परछाई तले दबी नज़र आयी...
आगामी चुनौतियों  के परिप्रेक्ष्य में देखें  तो ,निकट भविष्य की सबसे मुश्किल चुनौती आने वाले वक़्त में सरकार के सामने अपनी मुहर लगे व्यक्ति को राष्ट्रपति भवन भेजने की होगी...दूसरी चुनौती बाबा-अन्ना के आन्दोलन से निपटने की होगी...तीसरी कार्यकाल पूरा करने की होगी,यह चुनौती ममता बैनर्जी के मध्यावधि सम्बन्धी हालिया बयान के लिहाज़ से सबसे अहम् है..चुनावी मोर्चा भी सरकार के लिए मुश्किल ही रहने के आसार हैं...... सरकार के सामने संकट साख और विश्वसनीयता का है...ज़मीनी राजनीति में कुशल नेतृत्व का है ...राहुल बाबा का तिलिस्म जिस तरह से हवा हुआ है ...वह निश्चय ही सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए चिंता का सबब होगा....बहरहाल सुकून इतना भर है कि अभी तीर पूरी तरह से कमान से छूटा  नहीं है ...बाकी बचे दो साल में बेहतर काम काज से भी चुनावी तीर निशाने पर लग सकता है....
(लेखक डीएवी कालेज में राजनीतिक विज्ञान के प्राध्यापक हैं )

पाठक -पीठ

नाले की सफाई 
बलदेव नगर -हाऊसिंग बोर्ड कालोनी के बीच से होकर गुजर रहा नाला यूँ तो इस क्षेत्र को गंदगी से निजात दिलाने के बनाया गया था...मगर अब यह गंदगी और बाढ़ की वजह बन कर रह गया है....नगर निगम द्वारा लम्बे -लम्बे वक्त तक इसकी सफाई नहीं करवाई जाती जिसके कारण आस-पास रहने वाले लोगों का जीना दूभर हो गया है...और तो और अब तो इस पर अतिक्रमण के प्रयास भी होने लगे हैं जिसके चलते दिनों दिन इसकी चौडाई काम होती जा रही है ....क्योंकि अब बरसात का मौसम नज़दीक है लिहाज़ा निगम लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द इसकी सफाई व पानी निकासी का इंतजाम दुरुस्त करे....
कृपाल सिंह सग्गू 
निवर्तमान पार्षद
धर्मो रक्षति रक्षितः 
गैरों पे करम,अपनों पे सितम ए जाने वफ़ा ये जुल्म न कर...हिंदी गीत की इसी तर्ज पर केंद्र की कांग्रेस सरकार अमरनाथ यात्रियों को हतोत्साहित करने का प्रयास कर रही है...हज जानेवाले यात्रिओं को तोहफे और सौगात परोस रही है तो भूखे -प्यासे अमरनाथ यात्रियों के मुंह से दो जून का निवाला छीन रही है...सरकार यात्रा मार्ग पर दिनों दिन सुविधाएं घटा रही है वहीँ दूसरी तरफ यात्रा की अवधि को लगातार छोटा किया जा रहा है... सरकार को समरण रहे  धर्म की रक्षा में अक्षम और उसके वहन में बाधक बननेवाले मिट जाया करते हैं....
राजन कक्कड़,जैन बाज़ार
प्रसंग
केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर पक्ष -विपक्ष अपने-अपने नजरिये से सरकार के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रहा है, जहाँ कांग्रेस नेता सफलताओं को गिना रहे हैं तो विपक्ष सरकार की विफलता को गिना रहा है.......

केंद्र सरकार ने बीते तीन साल में भरपूर विकास किया है ...आधारभूत और आर्थिक विकास को नयी गति दी  है... देश भर में उर्जा का नया माहौल पैदा हुआ है...सरकार महंगाई घटने को लेकर भी गंभीर प्रयास कर रही है....सरकार की  लोकप्रिय छवि को धूमिल करने के लिए विपक्ष घोटाले का ढकोसला रच रहा है...जनता वर्तमान संप्रग सरकार को हैट-ट्रिक लगाने का अवसर देगी...
सेठ मदन लाल
वरिष्ठ उपाध्यक्ष ,कांग्रेस
कांग्रेस के नेतृत्व में बनी सरकारों का तो इतिहास ही देश को लूटने का रहा है...बीते तीन साल घोटाले - अकुशल शासन और नाकाम आर्थिक नीतियों के नाम रहे...सरकार को जनता आगामी आम चुनावों में सबक सिखाएगी ...
विनोद गर्ग
जिला उपाध्यक्ष , भाजपा
गुजरे तीन साल में केंद्र सरकार की उपलब्धि कुशासन , कमर तोड़ महंगाई , घोटाले , `विकास ठप्प और हवा-हवाई आर्थिक नीतियाँ ही रही हैं....हर ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला है... जनता में सरकार के प्रति गहरा रोष है ....देश में मध्यावधि चुनाव का माहौल बन रहा है जिसमें वर्तमान संप्रग सरकार का सूपड़ा साफ़ होना तय है.....
बलविंदर पुनिया
जिला अध्यक्ष , इनेलो

राज-काज
रवि शंकर गोयल की कलम से
मिजाज़ समझने में उलझे मातहत
इन दिनों पुलिस मुख्यालय के कर्मचारी घोर उलझन में हैं ...पिछले एक पखवाड़े में तीन आरक्षी उपायुक्त से रूबरू हो चुके पुलिसकर्मी अपने हुज़ूर का मिजाज़ समझने में उलझे हैं...नए हाकिम सख्त हैं या नरम ये समझते -बूझते ही डीसीपी साहब का तबादला हो जाता है...बहरहाल मुख्यालय में डीसीपी के मातहत काम करने वाले कर्मचारी इस उम्मीद से नए आरक्षी उपायुक्त सिमर्दीप सिंह का मिजाज़ समझने में मशगूल हैं की इनका तबादला अब जल्द नहीं होगा...

लौटी राजनीतिक जगत की हलचल
पिछले काफी समय से शहर का राजनीतिक हल्का ठंडा था...जिसमें अनिल विज के एलान ए-जंग और चौटाला के दौरे के बाद कुछ हलचल आयी है...जिसकी सबसे ज्यादा ख़ुशी स्थानीय नेताओं और पत्रकार बंधुओं को हुई है...इनेलो के सदस्यता अभियान और भाजपा के सरकार विरोधी अभियान ने एक बार फिर से स्थानीय नेताओं और पत्रकारों को अभियान पर निकलने का मौका दे दिया है....

डिस्टेंस एजुकेशन में गाईड
चाणक्य एजुकेशन :नरेश
मिशन एडमिशन के इस मौसम में डिस्टेंस एजुकेशन भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है जिसके बारे में अम्बाला समाचार के उप-संपादक प्रमोद कुमार ने चाणक्य एजुकेशन के डायरेक्टर नरेश सहगल से की विशेष बातचीत...
डिस्टेंस एजुकेशन किस तरह से छात्रों के लिए उपयोगी विकल्प है....
आज के दौर में जहाँ कालेज में एडमिशन की मारामारी के बीच कुछ छात्र प्रवेश पाने से चूक जाते हैं...वहीँ लोगों को नौकरी के साथ -साथ पढ़ाई लिखाई का विकल्प भी अपनाना एक जरूरत बन गयी है...ऐसे में दूरस्थ शिक्षा एक अच्छा विकल्प है....इसके माध्यम से रेगुलर एजुकेशन से वंचित छात्र अपनी पढ़ाई कर सकते हैं....
इसके जरिये कौन-२ से कोर्सेज किये जा सकते हैं ?
सभी तरह के पारंपरिक व व्यावसायिक पाठ्यक्रम इसके तहत आते हैं....बीए,बीकॉम, बीएससी जैसे ट्रेडिशनल कोर्सेज और बीबीए ,बीसीए जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज को डिस्टेंस लर्निंग स्कीम में कवर किया जाता है...
इसके लिए आपका इंस्टीटयूट किस तरह से मददगार है...
हम छात्रों को उचित मार्गदर्शन देते हैं....उन्हें ,उनके लिए कौनसा कोर्स मुफीद रहेगा इस बाबत पूरी जानकारी देते हैं...

 संपत्ति-सलाह
प्रोपर्टी बाज़ार में बूम
भूमि में निवेश फायदेमंद
शहर की तेज़ी से बढ़ती आबादी के बीच लोगों की रिहायशी जरूरतें भी बढ़ रही हैं....जिसके चलते जमीन-भवन का बाज़ार पूरी रफ़्तार से बढ़ा रहा है...यह प्रोपर्टी में निवेश का सबसे सही वक़्त है ...जिस तरह से शहर का विकास हो रहा है अनुमान है कि जमीनों के दाम लगातार बढ़ते रहेंगे ....फ्यूचर प्लानिंग के लिहाज़ से भी यह फायदेमंद है..
प्रोपर्टी डीलर

कही-सुनी
सिखों का केश-रक्षा के लिए कुर्बानियों का इतिहास रहा है , केश -कत्ल करना गुरु साहिबान के हुक्म की तौहीन है...हम जल्द ही सिख युवाओं के बीच केश-धारण के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे...
सिख नेता 
आनंद कारज मैरिज एक्ट लागू होने से सिखों को जहाँ मान-सम्मान का एहसास होगा ,वहीँ विदेश यात्रा के दौरान आने वाली दिक्कतों से भी छुटकारा मिल सकेगा...हम काफी लम्बे समय से इसकी मांग कर रहे थे...
सिख नेता 


रतन लाल कटारिया ,पूर्व सांसद

Saturday, 12 May 2012

साठ साल की संसद


पं. श्याम सुन्दर झा
सम्पादकीय निदेशक


साठ साल की संसद
देश के लोकतान्त्रिक इतिहास में निश्चय ही 13 मई का दिन स्वर्णिम क्षणों का साक्षी बनने का गौरवशाली अवसर होगा जब हमारी संसद को अस्तित्व में आये साठ साल पूरे हो जायेंगे....इन साठ सालों में हमने लोकतान्त्रिक प्रयोगों के कीर्तिमान भी बनाये हैं व कई उदहारण भी प्रस्तुत किये हैं...रक्तहीन क्रांति से सत्ता परिवर्तन की परम्पराएं स्थापित की तो लोकतंत्र को नए आयाम भी दिए....किन्तु बीते साठ वर्षों के संसदीय इतिहास में कुछ ऐसे काले अध्याय भी जुड़े जिनसे लोकतांत्रिक गरिमा का हनन हुआ....लिहाज़ा यह माननीयों के लिए आत्म विश्लेषण का भी समय है....आम जनता जब इन्हें अपने बीच से चुन संसद में भेजती है तो उन पर केवल उनकी उम्मीदों को पूरा करने की जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि संसद के उच्च मानदंडों और मर्यादाओं को कायम रखने का दायित्व भी उन्हीं पर रहता है... लोग संसद में मंदिर और सांसद में लोक नायक की छवि देखें , इसके लिए माननीय सांसदों को अपनी भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करना होगा...संसद को मुद्दों पर सार्थक चर्चा कर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा... बहरहाल इस सब के बीच यह संतोषजनक है कि साठ साल के दौरान हमारी संसद की प्रासंगिकता निरंतर बढ़ी है....संसद पर जनता का विश्वास और मज़बूत हुआ है...
अम्बाला समाचार पत्र के प्रकाशन के बारे में जानकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हुई ....मुझे विश्वास है कि यह पत्र जन समस्याओं को जोर-शोर से उजागर करेगा...सटीक, सार्थक समाचारों के प्रकाशन में एक उदहारण बनेगा...मुझे यह भी मालूम हुआ कि अम्बाला समाचार अपने दूसरे अंक में  बलदेव नगर को विशेष महत्व देने जा रहा है ...जिसके लिए मैं पत्र का हार्दिक धन्यवाद करता हूँ और अम्बाला समाचार के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ....
हरीश सासन 
अध्यक्ष , जिला कांग्रेस (नगर)