Wednesday, 31 August 2011
Tuesday, 30 August 2011
Sunday, 28 August 2011
सम्पादक - पीठ
अन्ना विजय -अम्बाला जय
निस्संदेह धर्मवीर का अनशन प्रशंसनीय है.....अन्ना - धर्मवीर जैसे लोग इस राष्ट्र कि वास्तविक संपत्ति हैं ...अतः धर्मवीर का भी नगरवासियों में वही सम्मान होना चाहिए जो अन्ना का देशवासियों में है.... उत्सव के इन क्षणों में धर्मवीर के त्याग, समर्पण, बलिदान को पूर्ण संवेदनशीलता के साथ स्वीकार करना चाहिए...
अन्ना का सशक्त नेतृत्व व प्रचंड जनसमर्थन की परिणति अंततः सशक्त लोकपाल के मार्ग प्रशस्त होने के रूप में हुई....अन्ना के इस अभियान में अम्बाला का योगदान भी सदैव उल्लेखनीय रहेगा...प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाले अम्बाला नगर ने इस आन्दोलन में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है...12 दिनों में अन्ना को अनशन करते देखना जितना दुखद उतना ही सुखद आना के सर्थन में लोगों के जागरूक प्रकृति को अनुभव करना था....अम्बाला में चहुँओर अन्ना ही अन्ना दृष्टिगोचर हो रहे थे....अन्ना के आन्दोलन को नगरवासियों के प्रचंड समर्थन से यह सिद्ध हुआ है कि हम किसी भी प्रकार के जनांदोलन को निष्कर्ष तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं...अन्ना के अभियान से एक महत्वपूर्ण तथ्य पुनः प्रतिपादित हुआ है कि जनभावना का सम्मान ही लोकतंत्र कि मूल भावना है ....यदि जन जागरूक हो तो जनहित को कोई सरकार ताक़ पर नहीं रख सकती, दीर्घावधि तक जनभावनाओं की उपेक्षा नहीं कि जा सकती....पर इस सबके मध्य जो हमें सर्वाधिक गौरवान्वित करती है वह है धर्मवीर का अनशन....निस्संदेह धर्मवीर का अनशन प्रशंसनीय है.....अन्ना - धर्मवीर जैसे लोग इस राष्ट्र कि वास्तविक संपत्ति हैं ...अतः धर्मवीर का भी नगरवासियों में वही सम्मान होना चाहिए जो अन्ना का देशवासियों में है.... उत्सव के इन क्षणों में धर्वीर का त्याग, समर्पण, बलिदान को पूर्ण संवेदनशीलता के साथ स्वीकार करना चाहिए...
अन्ना विजय -अम्बाला जय
निस्संदेह धर्मवीर का अनशन प्रशंसनीय है.....अन्ना - धर्मवीर जैसे लोग इस राष्ट्र कि वास्तविक संपत्ति हैं ...अतः धर्मवीर का भी नगरवासियों में वही सम्मान होना चाहिए जो अन्ना का देशवासियों में है.... उत्सव के इन क्षणों में धर्मवीर के त्याग, समर्पण, बलिदान को पूर्ण संवेदनशीलता के साथ स्वीकार करना चाहिए...
अन्ना का सशक्त नेतृत्व व प्रचंड जनसमर्थन की परिणति अंततः सशक्त लोकपाल के मार्ग प्रशस्त होने के रूप में हुई....अन्ना के इस अभियान में अम्बाला का योगदान भी सदैव उल्लेखनीय रहेगा...प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाले अम्बाला नगर ने इस आन्दोलन में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है...12 दिनों में अन्ना को अनशन करते देखना जितना दुखद उतना ही सुखद आना के सर्थन में लोगों के जागरूक प्रकृति को अनुभव करना था....अम्बाला में चहुँओर अन्ना ही अन्ना दृष्टिगोचर हो रहे थे....अन्ना के आन्दोलन को नगरवासियों के प्रचंड समर्थन से यह सिद्ध हुआ है कि हम किसी भी प्रकार के जनांदोलन को निष्कर्ष तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं...अन्ना के अभियान से एक महत्वपूर्ण तथ्य पुनः प्रतिपादित हुआ है कि जनभावना का सम्मान ही लोकतंत्र कि मूल भावना है ....यदि जन जागरूक हो तो जनहित को कोई सरकार ताक़ पर नहीं रख सकती, दीर्घावधि तक जनभावनाओं की उपेक्षा नहीं कि जा सकती....पर इस सबके मध्य जो हमें सर्वाधिक गौरवान्वित करती है वह है धर्मवीर का अनशन....निस्संदेह धर्मवीर का अनशन प्रशंसनीय है.....अन्ना - धर्मवीर जैसे लोग इस राष्ट्र कि वास्तविक संपत्ति हैं ...अतः धर्मवीर का भी नगरवासियों में वही सम्मान होना चाहिए जो अन्ना का देशवासियों में है.... उत्सव के इन क्षणों में धर्वीर का त्याग, समर्पण, बलिदान को पूर्ण संवेदनशीलता के साथ स्वीकार करना चाहिए...
मंथन
पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि
Ø ग्रामीण विकास की सम्पूर्ण राशि सीधे पंचायतो के खाते में
Ø 10 लाख तक के विकास कार्यो की प्रशासनिक स्वीकृति पंचायत स्तर पर
Ø जिला ग्रामीण विकास अभिकरण का अध्यक्ष उपायुक्त के बनिस्बत जिला परिषद अध्यक्ष
Ø पंचायत 10 लाख रुपये तक लागत के कार्य करवाने हेतु स्वतंत्र
Ø सरपंचों को दस्ती राशि 10 हज़ार से बढ़ाकर 25 हज़ार रूपये
राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि -
पद पूर्व में सम्प्रति |
जिलापरिषद उपाध्यक्ष 4500 6000 अध्यक्ष 6000 7500 |
पंचायत समिति के अध्यक्ष 4500 6000 |
पंचयत समिति के उपाध्यक्ष 1500 2500 |
जिला परिषद सदस्य 2000 2500 |
पंचायत समिति सदस्य 1000 1250 |
सरपंच 1500 2000 |
पंच 400 600 |
पंचायती
गत दिनों हुड्डा सरकार के द्वारा पंचायतों की अनुदान राशि बढ़ाये जाने को जहाँ पक्ष ऐतिहासिक बता रहा है वहीँ विपक्ष इसे भ्रष्टाचार का साधन मान रहा है....
इस सन्दर्भ में युवा कांग्रेस नेता अजय सैनी का कहना है कि हुड्डा सरकार के इस कृत्य से राजीव गाँधी के पंचायती राज को सशक्त बनाने का स्वप्न पूरा होगा....साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति और त्वरित होगी......हुड्डा सरकार सदा से ही जन-हितैषी रही है....
किन्तु मुख्य विपक्षी दल इन्डियन नैशनल लोकदल के नेता हरपाल सिंह कम्बोज के अनुसार हुड्डा सरकार ने यह पग अपने लोगों को लाभ पहुचने के लिए उठाया है....इससे पंचायतें भ्रष्टाचार की गंगोत्री बन जायेंगी....हुड्डा सरकार इस राशि से जो विकास होने के दावे कर रही है वह भी मात्र छलावा है....यह राशि ग्रामीण विकास की सृष्टि से ऊंट के मुंह में जीरा भर है...
Saturday, 27 August 2011
मनरेगा में हुए घोटाले की विवेचना करेगा राज्य सतर्कता विभाग
6 प्रखंडों में व्यापक पैमाने पर उजागर हुई थी अनियमितता
इस प्रकरण की विवेचना कई बार हो चुकी है किन्तु निष्कर्ष सिरे चढ़ नहीं पाया...सम्प्रति प्रकरण की विवेचना राज्य सतर्कता विभाग के छः विशेष दलों का गठन कर सौंप दी गयी है....2007 से 2010 के बीच जिले के सभी 6 प्रखंडों में मनरेगा के अंतर्गत हुए विकास कार्यों में व्यापक स्तर पर अनियमितता उजागर हुई थी...इस सन्दर्भ में तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त संजीव वर्मा ने राज्य सरकार को प्रतिवेदन भेज प्रकरण का अनावरण किया था....जिसमें विशेषतः वन विभाग द्वारा करवाए गए कार्य व विभाग के कुछ अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाया गया था....
विदित हो कि सरकार को भेजे गए प्रतिवेदन में यह दावा किया गया कि वन विभाग द्वारा मनरेगा के अंतर्गत बनवाए गए उद्यान व लगावाए गए पौधों में लाखों रुपए का घोटाला हुआ....विवेचना के समय पाया गया कि बताई गई जमीन पर न तो कोई उद्यान मिला न ही कोई पौधा.....कुछेक परियोजनाओं को छोड़कर अधिकतर मामलों में लीपापोती कर लाखों रुपए डकारे गए.....
रंग - रूप की समस्या समाधान में अग्रणी हरियाणा ब्यूटी पार्लर
- कणिका कंधारी
निरंतर आपके रंग-रूप को सजाते संवारते हरियाणा ब्यूटी पार्लर अब मील का पत्थर बन गया है.....लोकप्रियता के परिमाप पर यह नाम पूर्णतः खरा उतरता है....यह कहना है हरियाणा ब्यूटी पार्लर के संचालक राकेश का .....राकेश को सर्वश्रेष्ठ सौन्दर्यसज्जाकार का पुरस्कार भी मिल चुकी है... राकेश के अनुसार यह सौन्दर्य केंद्र दो भागों में बंटा है... यहाँ महिला व पुरुष के सौन्दर्य समाधान हेतू पृथक केंद्र हैं....यहाँ सर्वोत्तम सौन्दय प्रसाधन सामग्री की सहायता से लोगों की केश-रूप से जुडी समस्याओं का समाधान किया जाता है...
सादा सूट व कुर्ती बनी युवतियों की पहली पसंद
मात्र 150 रुपये है न्यूनतम मूल्य
युवतियों में पहनावे को लेकर नित नए रुझान पनपते रहते हैं .... इन दिनों युवतियों में सादे सूट व कुर्ती को पसंद किया जा रहा है....इस सन्दर्भ में हमारी प्रतिनिधि कृति श्रीवास्तव ने साहिबा बुटिक की संचालिका मंजू से संक्षिप्त वार्ता में जाना कि युवतियों को इन दिनों सादे सूट भा रहे हैं....इसमें वे सुन्दर व सुशील तो दिखती ही हैं साथ ही इसका मूल्य भी न्यून होता है.... मंजू के मुताबिक ये मात्र 150 रुपये में ही मिल जाता है...कुर्ती को भी खूब पसंद कर रही हैं .....
सनातन धर्म महिला महाविद्यालय की प्राचार्या राजिन्द्र कौर ढिल्लों के निधन पर गहन संवेदना
सनातन धर्म महिला महाविद्यालय की प्राचार्या राजिन्द्र कौर ढिल्लों के निधन पर समूचे शिक्षा, साहित्य व पत्रकार जगत में शोक की लहर है...उनके निधन पर नगर के गणमान्य व्यक्तियों ने गहरा शोक प्रकट किया है....दयानंद आंग्ल-वैदिक महाविद्यालय , पिहोवा के प्रचार्य डॉ. कामदेव झा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उत्कृष्ट शिक्षाविद व जन भावनाओं को छोने में सक्षम सृजनशीलता वाला साहित्यकार कहा....डॉ. झा ने कहा कि उन्होंने हिंदी को भी अपना विशेष योगदान दिया .... राजिंद्र कौर ढिल्लों के निधन पर राज्य के सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव डा. केके खंडेलवाल, निदेशक शिव रमन गौड़, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना, उपायुक्त समीर पाल सरो, विधायक अनिल विज, अकाली नेता संत सिंह कंधारी, गुरदीप सिंह भानोखेड़ी, रणधीर सिंह फौजी ने गहन संवेदना व्यक्त की ....
राजेश यादव भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त
राजेश यादव को भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किये जाने पर भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री एडवोकेट विजेश शर्मा ने भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी व भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग ठाकुर आभार जताया है....शर्मा ने कहा कि इससे युवाओं में नया संचार होगा वहीँ संगठन को सुदृढ़ता मिलेगी.....
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के निर्वाचन में सिक्ख बुद्धिजीवी करनैल सिंह गरीब ने किया जाति आधारित निर्वाचन का विरोध
उच्च न्यायालय जाने की घोषणा की
- हरप्रीत सिंह
गुरुद्वारा प्रबंधन हेतू 18 सितम्बर को होने वाले निर्वाचन-प्रक्रिया में जातीय-प्रत्याशा का गुरु नानक मिशन इंटरनैशनल सोसायटी , हरियाणा सिक्ख फोरम व साईं मीआं मीर इन्टरनैशनल फाऊंडेशन ने कड़ा विरोध किया है....विरोध स्वरुप प्रकरण को उच्च न्यायालय ले जाने का निर्णय भी लिया गया है...इस आशय की जानकारी देते हुए गुरु नानक मिशन इंटरनैशनल सोसायटी के प्रमुख ज्ञानी करनैल सिंह गरीब ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में जिस आरक्षण - नीति का अनुसरण किया गया है वह सिख सिद्धांतों के विपरीत है...उन्होंने सिक्खों से इसका विरोध करने का आह्वाहन किया.....
Sunday, 21 August 2011
Saturday, 20 August 2011
- कविवर पण्डित श्री हरी किशोर मिश्र के काव्य-कोष से .....
अरे यही वह अम्बाला है....
जिसको हरियाणा ने अपने नक़्शे में ढाला है ....
ढेर किताबों में पढ़ते थे ....
ढेर किताबों में पढ़ते थे ....
ढेर कहानियाँ सुना करते थे....
मिग-मिराज से अक्षादित यहाँ के नभ -तल...
अरे यही वह अम्बाला है....
सैकड़ों वर्षों के इतिहास को समेटे यह नगर स्वधीनता संग्राम से लेकर हर सामाजिक- रचनात्मक आन्दोलन का अग्रदूत रहा है....नगर के विषय में अधिक कहना सूरज को दीपक दिखने के समान है ....अतः संक्षेप में यही कहूँगा हिंदी -संस्कृत प्रचार अभियान को समर्पित अम्बाला समाचार नगरवासियों की अपेक्षा पर खरा उतरने का प्रयास करेगा ....हमारे अभियान की सफलता आधार आपका अपेक्षित सहयोग ही है....आपके के सहयोग की अपेक्षा में....
तरुण झा सम्पादक
मिग-मिराज से अक्षादित यहाँ के नभ -तल...
अरे यही वह अम्बाला है....
सैकड़ों वर्षों के इतिहास को समेटे यह नगर स्वधीनता संग्राम से लेकर हर सामाजिक- रचनात्मक आन्दोलन का अग्रदूत रहा है....नगर के विषय में अधिक कहना सूरज को दीपक दिखने के समान है ....अतः संक्षेप में यही कहूँगा हिंदी -संस्कृत प्रचार अभियान को समर्पित अम्बाला समाचार नगरवासियों की अपेक्षा पर खरा उतरने का प्रयास करेगा ....हमारे अभियान की सफलता आधार आपका अपेक्षित सहयोग ही है....आपके के सहयोग की अपेक्षा में....
तरुण झा सम्पादक
सम्पादक - पीठ
सन्देश स्पष्ट है अपनी मांगों को लेकर न हिंसक हुआ जाए...न आंदोलित ...न उत्पाती ...बड़े शांतचित्त से गांधीवादी तरीके इस सबसे निपटा जाये....
स्वाधीनता संग्राम आन्दोलन में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने वाले अम्बाला ने अन्ना द्वारा आहूत आन्दोलन में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है....नगरवासी आन्दोलन के समर्थन में सड़क पर उतर आये वहीँ उनके जेल जाते ही आंदोलित नगरवासियों ने पूर्ण उर्जा से अपना विरोध भी जता दिया....अन्ना के माध्यम से जनता के आक्रोश की अभिव्यक्ति हुई जो भ्रष्टाचार के गर्त में आकंठ डूबे बाबुओं की मनमानी प्रतिदिन सहती है....इस आन्दोलन ने गांधीवादी परंपरा को समृद्ध किया...निस्संदेह आन्दोलन से अपनी समस्याओं को हल करवाने का एक नया रास्ता मिला है....अन्ना का यह आह्वाहन कि राष्ट्रीय संपत्ति को किसी भी प्रकार कि हानि न हो.....नगर में प्रायः अपनी समस्याओं को लेकर तोड़-फोड़ , उत्पात मचाने वालों को इससे सीख लेने की आवश्यकता है.... ....आत्मविश्लेषण का समय है यह ....यह विचारने का कि हम विध्वंस किया बिना ही रचनात्मक समाधान क्यों तलाशने हेतू क्यों प्रयासरत नहीं होते....यदि कोई अधिकारी कामकाज में आनाकानी अथवा कोई अनुचित मांग करता है तो क्यों न उसके विरुद्ध संगठित हो उसका अन्नान्दोलन ढंग से सामना किया जाए....क्यों गांधीवादी तरीके से उसके घर पहुंचकर उसे भेंट दी जाए...क्यों न उस अधिकारी के कार्यालय के बाहर उसे अर्थाभाव कि पूर्ति हेतू दानपात्र रख दिया जाए..... क्यों न सड़क न बनाये जाने पर अधिकारी के घर के बाहर धरना दिया जाए....स्वच्छ जलापूर्ति न होने पर वह जल उस अधिकारी को भेंट कर दिया जाए....सन्देश स्पष्ट है अपनी मांगों को लेकर न हिंसक हुआ जाए...न आंदोलित ...न उत्पाती ...बड़े शांतचित्त से गांधीवादी तरीके इस सबसे निपटा जाये....
अंतर्व्यूह
प्रस्तुत हैं रॉक संगीत के सितारे से हमारे प्रतिनिधि हरप्रीत सिंह की वार्ता के कुछ अंश....
जी रॉनी, आपको गाने की प्रेरणा कहाँ से मिली...
गायन तो प्रभु कृपा से ही संभव है ....बाल्यकाल से गायन का ऐसा चाव चढ़ा कि गुनगुनाते - गुनगुनाते ही संगीत मण्डली(बैंड) का मुख्य गायक बन गया...मैं दर्शकों को बताना चाहूँगा कि संगीत मुझे अपने माता-पिता से विरासत में मिला है ...2003 के दौरान यह प्रतिभा उपयुक्त मंचों के माध्यम से लोगों की प्रशंसा बटोरने लगी...उसके बाद मैं चरणबद्ध रूप से संगीत जगत में अपनी पहचान मज़बूत बनाता गया...आज की अगर बात की जाए तो मैं अपनी संगीत मण्डली का संगीत-संयोजक , गीतकार ,मुख्य गायक हूँ... हिंदी व अंग्रेजी में कई गीत रच-गा चुका हूँ....
आप अपनी संगीत-मण्डली के माध्यम से किस प्रकार का संगीतात्मक सन्देश देते हैं....
चूंकि मैंने विधिवत रूप से तरुणकाल में ही गाना प्रारंभ किया था...अतः मेरे गीतों में प्रेम रस की प्रचुरता रहती है ....मेरी व्यक्तिगत मान्यता भी है कि संघर्ष में उलझे इस संसार को संगीत की नितांत आवश्यकता है...निकट भविष्य में हमारी संगीत मण्डली की योजना सामाजिक व युवाओं को प्रभावित करने में सक्षम संगीतात्मक सन्देश देने की है...गिटारवादन की विभिन्न विधाओं में महारत प्राप्त हूँ...
अभी तक आपने किन उपलब्धियों का अर्जन किया है....
जी, गायन के माध्यम से मुझे जो आत्मसंतुष्टि प्राप्त होती है वही मेरी सर्वोच्च उपलब्धि है....इसके अतिरिक्त मैं विश्वविद्यालय में दो बार अपनी प्रस्तुति दे चुका हूँ यह मेरे लिए सौभाग्य का विषय है....इसके अतिरिक्त में विभिन्न अवसरों पर अपनी प्रतिभा के माध्यम से महफ़िल रौशन करता हूँ जिसके प्रत्युत्तर में मुझे दर्शकों से प्राप्त होने वाला प्यार - प्रसंशा ही मेरी बहुमूल्य उपलब्धि है...
आपकी आगामी योजना क्या है....
आप देख रहे हैं इन दिनों देश अन्नान्दोलन का प्रभाव है...इससे में भी प्रेरित हुआ हूँ.... निकट भविष्य में मेरी योजना सामाजिक जनजागरण करने वाले संदेशात्मक प्रस्तुतितियाँ देने की हैं.... निश्चित रूप से समाज को जगाने - झकझोरने हेतू संगीत से बेहतर कोई साधन नहीं होता व एक संगीतज्ञ - गायक के रूप में मैं अपने कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील हूँ...
अम्बाला समाचार के पाठकों व अपने प्रसंशकों को क्या सन्देश देना चाहेंगे....
मैं पाठकों से संगीत से सराबोर रहने का आग्रह करूंगा ...संगीत व्यक्ति को जीवन जीने की कला सिखाता है....मानवीय भावनाओं को जागृत रखता है ....वहीँ पाठकों को भी अपनी शुभकामनाएं देता हूँ व कामना करता हूँ कि पाठक आपका भरपूर सहयोग करें ताकि आप निरंतर अपने पत्रकारीय व मानवीय कर्तव्यों का निर्वाह करते रहे...
मंथन
भूमि - अधिग्रहण पर किस करवट बैठेगा ऊंट ....
निर्णय 23 अगस्त को
अक्तूबर 2010 में सरकार द्वारा छह गांवों पंजोखरा, जनेतपुर, खतौली, गरनाला, मंडौर व काकरू की 1852 एकड़ भूमि आदर्श औद्योगिक प्रक्षेत्र हेतू अधिग्रहित करने के उद्देश्य से भूमि अधिग्रहण की धारा 4 के अंतर्गत अधिग्रहण की घोषणा की थी .....जिसके प्रत्युत्तर में 21 मई को भू-स्वामियों लघुसचिवालय पर क्रमिक व अनवरत अनशन - धरना प्रारम्भ किया....अनवरत दीर्घ अवधि तक चले विरोध के पश्चात भूस्वामियों को वार्ता हेतू चंडीगढ़ आहूत किया गया....जिसमें मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने धारा 6 लागू न किये जाने का आश्वासन दिया....परन्तु प्रशासन ने आश्वासन के विपरीत धारा 5 क के अंतर्गत कार्रवाई प्रारंभ कर दी...परिणामतः 30 जुलाई को 95 प्रतिशत से अधिक भूस्वामियों ने अनुमंडलाधिकारी के समक्ष आपत्तियों की पुष्टि की .....इस गतिविधि के चलते किसान सशंकित हैं ....प्रकरण पर आगामी रणनीति पर चर्चा हेतू 23 अगस्त को कृषक सम्मलेन आहूत किया है... आदर्श औद्योगिक प्रक्षेत्र हेतू भूमि -अधिग्रहित न किये जाने को लेकर कृषक संगठनों के साथ-साथ विपक्ष भी सरकार को निशाने पर ले रही है....अम्बाला के विकास हेतू आदर्श औद्योगिक प्रक्षेत्र अत्यंत आवश्यक है....इससे जीविका के नए अवसर उत्पन्न होंगे साथ क्षेत्र का औद्योगिक, सामाजिक व आर्थिक विकास भी होगा....किन्तु विपक्ष को मात्र अपनी ओछी राजनीति से सरोकार है अतः वह विकास कि इस महत्वाकांक्षी योजना का विरोध कर रहा है ....खेदजनक तो यह भी है कि कांग्रेस के कुछ युवा सहयोगी भी अपने निजी हितों के चलते विपक्ष के अभियान में शामिल हो गए....लोगों को यह समझना चाहिए कि विकास का यह नाममात्र मूल्य चुकाकर स्वयं को व अपने नगर को विकास के पथ पर अगसर कर सकते हैं....
अक्तूबर 2010 में सरकार द्वारा छह गांवों पंजोखरा, जनेतपुर, खतौली, गरनाला, मंडौर व काकरू की 1852 एकड़ भूमि आदर्श औद्योगिक प्रक्षेत्र हेतू अधिग्रहित करने के उद्देश्य से भूमि अधिग्रहण की धारा 4 के अंतर्गत अधिग्रहण की घोषणा की थी .....जिसके प्रत्युत्तर में 21 मई को भू-स्वामियों लघुसचिवालय पर क्रमिक व अनवरत अनशन - धरना प्रारम्भ किया....अनवरत दीर्घ अवधि तक चले विरोध के पश्चात भूस्वामियों को वार्ता हेतू चंडीगढ़ आहूत किया गया....जिसमें मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने धारा 6 लागू न किये जाने का आश्वासन दिया....परन्तु प्रशासन ने आश्वासन के विपरीत धारा 5 क के अंतर्गत कार्रवाई प्रारंभ कर दी...परिणामतः 30 जुलाई को 95 प्रतिशत से अधिक भूस्वामियों ने अनुमंडलाधिकारी के समक्ष आपत्तियों की पुष्टि की .....इस गतिविधि के चलते किसान सशंकित हैं ....प्रकरण पर आगामी रणनीति पर चर्चा हेतू 23 अगस्त को कृषक सम्मलेन आहूत किया है... आदर्श औद्योगिक प्रक्षेत्र हेतू भूमि -अधिग्रहित न किये जाने को लेकर कृषक संगठनों के साथ-साथ विपक्ष भी सरकार को निशाने पर ले रही है....अम्बाला के विकास हेतू आदर्श औद्योगिक प्रक्षेत्र अत्यंत आवश्यक है....इससे जीविका के नए अवसर उत्पन्न होंगे साथ क्षेत्र का औद्योगिक, सामाजिक व आर्थिक विकास भी होगा....किन्तु विपक्ष को मात्र अपनी ओछी राजनीति से सरोकार है अतः वह विकास कि इस महत्वाकांक्षी योजना का विरोध कर रहा है ....खेदजनक तो यह भी है कि कांग्रेस के कुछ युवा सहयोगी भी अपने निजी हितों के चलते विपक्ष के अभियान में शामिल हो गए....लोगों को यह समझना चाहिए कि विकास का यह नाममात्र मूल्य चुकाकर स्वयं को व अपने नगर को विकास के पथ पर अगसर कर सकते हैं....
अजय सैनी
युवा कांग्रेसी नेता
हुड्डा सरकार विकास कि आड़ में निजी हितों की राजनीति कर रही है ....आदर्श औद्योगिक प्रक्षेत्र के नाम पर कृषकों की उपजाऊ भूमि को व्यापारियों के हाथ कौड़ी के भाव बेचना चाह रही है ....शासन -प्रशासन प्रकरण पर जिस प्रकार बारम्बार अपना रुख बदल रही है वह उसकी बदनीयती को उजागर करने हेतू पर्याप्त है....यदि सरकार विकास को लेकर इतनी ही गंभीर है तो लंबित परियोजनाओं को ही पहले क्यों नहीं पूरा करती ....खतौली की दुग्ध उत्पादन केन्द्रों को स्थानांतरित करने की योजना आजतक सिरे नहीं लग पायी....सरकार की मंशा चाहे जो भी हो इनेलो के रहते यह मनमानी कतई नहीं चलने दी जाएगी....
हरपाल सिंह कम्बोज
इनेलो नेता
हरपाल सिंह कम्बोज
इनेलो नेता
छात्र संघ निर्वाचन को पुनः बहाल हो .....
1996 से स्थगित छात्र संघ निर्वाचन को पुनः बहाल किया जाना चाहिए....चूंकि यह निर्वाचन न केवल छात्रों की वाणी को सशक्तता प्रदान करते हैं अपितु जड़ों पर पकड़ रखने वाले भावी राजनेताओं व सामाजिक आवश्यकताओं को अभिव्यक्त करने में सक्षम नेताओं को भी एक उपयुक्त मंच उपलब्ध करवाते हैं....गत कुछ वर्षों में देखने में विभिन्न महाविद्यालयों में अवैध शुल्क-संग्रहण के कई प्रकरण चर्चा में आ चुके हैं...प्रत्यक्ष रूप से ऐसे प्रकरण छात्रों को अभिव्यक्ति हेतु उपयुक्त मंच उपलब्ध न होने के चलते ही घटित होते हैं....वर्तमान में हमारे राष्ट्र में युवाओं की व्यापक संख्या है ...ऐसे भी छात्र संघ के रूप में उन्हें मंच उपलब्ध न करवाना उनके अधिकार हनन जैसा ही होगा...छात्र संघ निर्वाचन युवाओं का अधिकार भी है व प्रबल मांग भी...अतः सरकार को अविलम्ब इसकी प्रक्रिया पुनः प्रारंभ करनी चाहिए.....विकास शर्मा
जिला समन्वयक
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्
पाठक-पीठ
वादों की लड़ी और बरसात की झडी......
एक बार फिर बरसात ने प्रशासन की पोल खोल दी....वैसे बरसात का मजा लेने वाले भी कम नहीं हैं लेकिन बरसात का डर क्या होता है बलदेव नगर के लोगों से जानिए... वो डर हर साल की तरह इस बार भी था...बीच में खबर आई की मानसून कमजोर पडा लेकिन शायद मानसून एक बार फिर प्रशासन को गलत साबित करना चाहता था उसके वादों की हवा निकालना चाहता था...लेकिन प्रशासन और बरसात की इस नोंक झोंक में बेचारी जनता का हाल बेहाल है...प्रशासन हर बार वादों के पुल बनाता है और बरसात हर बार उस पुल को तिनके की तरह बहा ले जाती है.....बरसात के साथ टांगरी के साझेदारी हाल और बेहाल कर जाती है...इस बार फिर अंबाला के लोग वादों की लडी तो देख चुके हैं लेकिन बरसात की झडी अभी बाकी है...पिछले साल की तरह अगर इस बार भी बाढ आई तो वादों के साथ कई लोगो के अरमान और सपने भी बह जाएंगे....प्रशासन बीरबल की खिचडी वाले अपने वादे कब तक पकाता रहेगा...इस बार तो बेचारे लोगो की बेचारगी अभी तक टीवी चैनलों पर नहीं दिखी है... क्योंकि सब जगह अन्ना ही छाए हुए हैं...वैसे अन्ना का संघर्ष भी जरुरी है और अंबाला भी उनके साथ है...इस बार प्रशासन अन्ना का जरुर शुक्रगुजार होगा क्योंकि बरसात की झडी में हर बार खबरिया चैनलों पर लगने वाली उसकी क्लास इस बार अभी तक नहीं लगी....लेकिन क्यों वक्त रहते तैयारियां नहीं की जाती...क्यों सांप निकलने के बाद लकीर पीटी जाती है....ये वैसे तो यक्ष प्रश्न हैं देखते हैं इसका जवाब देने कोई धर्मराज युधिष्ठिर आता है या नहीं...
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